पितृ पक्ष 2024 -कब से कब तक? पितरों की सामान्य पूजन विधि? जाने, राजीव सिन्हा के लेख में!

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2024 का पितर पक्ष कब से कब तक

2024 का पितर पक्ष कब से कब तक? (2024 Pitri Paksh Date)



अजीत कुमार सिन्हा अब हमारे बीच नहीं रहे
"एक श्रद्धांजलि"- महान व्यक्तित्व और हम सभी के साहस अजीत कुमार सिन्हा अब हमारे बीच नहीं रहे....


2024 के पंचांग में पितर पक्ष का आरंभ 17 सितंबर से है। लेकिन इस दिन से श्राद्ध नहीं किया जाएगा। इस दिन भाद्रपद पूर्णिमा का श्राद्ध है। इस दिन अर्थात 17 तारीख को ऋषियों के नाम से तर्पण होगा। श्राद्ध का आरंभ प्रतिपदा तिथि से होता है। इसलिए पिंडदान, ब्राह्मण भोजन, तर्पण, दान जैसे कार्य 18 सितंबर से आरंभ होगा। इस तरह पितर पक्ष 18 सितंबर से आरंभ होकर 2 अक्टूबर 2024 तक चलेगा।


2024 के पितर पक्ष में श्राद्ध की सभी तिथियां –


2024 के पितर पक्ष में श्राद्ध की तिथियां

17 सितंबर मंगलवार पूर्णिमा का श्राद्ध (ऋषियों के नाम से तर्पण)


18 सितंबर बुधवार प्रतिपदा श्राद्ध (पितर पक्ष आरंभ)


19 सितंबर बृहस्पतिवार द्वितीय तिथि का श्राद्ध


20 सितंबर शुक्रवार तृतीया तिथि का श्राद्ध


21 सितंबर शनिवार चतुर्थी तिथि का श्राद्ध


22 सितंबर रविवार पंचमी तिथि का श्राद्ध


23 सितंबर सोमवार पष्ठी तिथि का श्राद्ध


24 सितंबर मंगलवार अष्टमी तिथि का श्राद्ध


25 सितंबर बुधवार नवमी तिथि का श्राद्ध


26 सितंबर बृहस्पतिवार दशमी तिथि का श्राद्ध


27 सितंबर शुक्रवार एकादशी तिथि का श्राद्ध


29 सितंबर रविवार द्वादशी तिथि का श्राद्ध


30 सितंबर सोमवार त्रयोदशी तिथि का श्राद्ध


1 अक्टूबर मंगलवार चतुर्दशी तिथि का श्राद्ध


2024 का पितर पक्ष कब से कब तक

2 अक्टूबर दिन बुधवार - सर्व पितृ अमावस्या


इस दिन सभी ज्ञात व अज्ञात पितरों का तर्पण किया जाता है। यह पितर पक्ष का अंतिम दिन भी होता है। इसलिए इस दिन सभी को अपने पूर्वजो की आत्मा की शांति के लिए अवश्य ही पूजन करनी चाहिए। इसी के अगले दिन से नवरात्रि आरम्भ हो जाती है।


पितृपक्ष में पूजन कब करें -


पितृपक्ष में पूजन कब करें

पितरपक्ष में सुबह और शाम के समय देवी देवताओं की पूजा की जाती है जबकि पितरों की पूजा के लिए दोपहर का समय अधिक उचित माना जाता है। प्रायः यह अभिजीत मुहूर्त में अधिक उचित माना जाता है, जो दोपहर के 11.30 से लगभग 12.30 बजे तक का होता है। इसलिए पंचांग में अभिजीत मुहूर्त देख कर पूजा करना अधिक उचित है। पितरपक्ष में ब्राह्मण को भोजन कराना चाहिए एवं उन्हें क्षमतानुसार दान दक्षिणा भी देना चाहिए। पितर पक्ष में गाय, कुत्ता, कौवा और चींटी को भी नियमित भोजन दिया जाना चाहिए।


अगर किसी कारण से या धन के अभाव में या समय के अभाव में ये सब करना कठिन हो तो कम से कम समूचे पितर पक्ष में स्नान के बाद सभी पितरो का आह्वान करके उन्हें जल देना चाहिए।


2024 का पितर पक्ष


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लेखन :

राजीव सिन्हा

Mob. No. +91-8882328898


(राजीव सिन्हा दिल्ली के लेखक है। इस तरह के कंटेंट लेखन के लिए राजीव सिन्हा से आप भी संपर्क कर सकते है।)

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